
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 अगस्त 2022। इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी, भारत की तीसरी प्रधानमंत्री जिनके नाम और काम का जिक्र आज भी है। सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक अपने भाषणों में उन्हें शामिल करते रहे हैं। अब राजनीतिक उपलब्धियों से हटकर अगर उनके व्यक्तित्व को देखें, तो दिवंगत गांधी के सफेद बालों में थोड़ा सा काला रंग भी आम जनता की उत्सुकता की वजह रहा है। अब उनके निधन के 28 सालों के बाद एक बार फिर कांग्रेस और काले रंग के जुड़ाव का अलग नजारा देखने को मिला, जब महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर हल्ला बोलने के लिए कांग्रेस नेता सड़कों पर उतरे। हमेशा बेदाग सफेद कुर्ते पायजामा या धोती में नजर आने वाले इन नेताओं का काले कपड़ों में विरोध कैमरे में कैद हो गया। शुक्रवार को बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन का फैसला किया था। यह प्रदर्शन सड़क से संसद तक जारी रहा। जहां कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी काले कपड़े पहनकर हाथों में बैनर लेकर सरकार के विरोध में नारे लगाती हुई नजर आईं। इस दौरान उनके साथ केसी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद थे। खास बात है कि अधिकांश काले कपड़े पहने हुए थे।
उनके अलावा जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कैमरे में नजर आईं तो वह भी काले कपड़ों में ही सरकार के खिलाफ बयान दे रही थीं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी भी काली शर्ट में ही संसद पहुंचे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और बड़े मंचों पर कांग्रेस का पक्ष रखने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे की चमकदार सफेद कुर्ते में तस्वीरें आती रही हैं, लेकिन शुक्रवार को उन्होंने काली पगड़ी बांधी और उसी रंग के कुर्ते में अपनी बात कही।
क्या बोली कांग्रेस
शुक्रवार को प्रेस वार्ता की शुरुआत से ही राहुल सरकार पर हमलावर दिखे। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र के मरने के बारे में आपको कैसा लगता है? जो इस देश ने 70 सालों में बनाया था उसे 8 सालों में खत्म कर दिया गया। भारत में आज कोई लोकतंत्र नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आज भारत में चार लोगों की तानाशाही है। हम महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दों को उठाना चाहते हैं। हम समाज के बंटने पर चर्चा करना चाहते हैं।
ED की कार्रवाई का विरोध!
खास बात है कि नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच तेज कर दी है। हाल ही में जांच एजेंसी ने यंग इंडिया के दफ्तर को भी अस्थाई रूप से सील कर दिया था। इस बार जांच की आंच राहुल और सोनिया पर भी पड़ी है, जिसका कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया था। ईडी ने जून में राहुल से करीब 5 दिनों तक पूछताछ की थी। जबकि, सोनिया जुलाई में तीन बार ईडी दफ्तर पहुंची थीं।