
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 30 जुलाई 2020 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के पीएम प्रवींद्र जगन्नाथ ने गुरुवार को मॉरीशस के नए सुप्रीम कोर्ट भवन का उद्घाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए इस कार्यक्रम में मॉरिशस सुप्रीम कोर्ट के जज, न्याय विभाग के अधिकारी और दोनों देशों के गणमान्य लोग शामिल हुए।
वहीं, इस दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवींद्र जगन्नाथ ने हिंदी में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा, मोदी जी, हमारा देश, हमारी जनता आपके समर्थन के लिए आभारी है। उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कुशल प्रबंधन के लिए मैं मॉरीशस की सरकार और लोगों को बधाई देना चाहूंगा। मुझे खुशी है कि भारत दवाइयों की समय पर आपूर्ति और अनुभवों को साझा करने के माध्यम से इस प्रयास का समर्थन करने में सक्षम था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और मॉरीशस दोनों ही देश स्वतंत्र न्यायपालिकाओं को लोकतांत्रिक प्रणालियों के महत्वपूर्ण स्तंभों के रूप में सम्मान देते हैं। यह प्रभावशाली नई इमारत, अपने आधुनिक डिजाइन और निर्माण के साथ, इस सम्मान का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, मॉरीशस वो पहला देश था, जिसके साथ मैंने पहली बार भारत के ‘एसएजीएआर विजन (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास)’ के बारे में बात की थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण के केंद्र में है।
पीएम मोदी ने कहा, भारत के लिए, विकास सहयोग में सबसे बुनियादी सिद्धांत हमारे सहयोगियों का सम्मान करना है। विकास के अध्यायों का यह साझाकरण हमारी एकमात्र प्रेरणा है। यही कारण है कि हमारा विकास सहयोग किसी भी शर्त के साथ नहीं आता है।
माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने यह चीन के संदर्भ में कहा है। चीन ने कई देशों को विकास के नाम पर अपने कर्ज जाल में फंसाया और फिर उन्हें अपनी शर्तें मानने को मजबूर कर रहा है। पाकिस्तान, श्रीलंका से लेकर अफ्रीका तक के कई मुल्क चीन की इस नीति का शिकार हो चुके हैं। दूसरी तरफ भारत ने हमेशा मित्र राष्ट्रों की बिना कोई शर्त मदद की है।
प्रधानमंत्री ने कहा, अगर भारत को अफगानिस्तान में संसद भवन में मदद करने के लिए सम्मानित किया जाता है, तो नाइजर में महात्मा गांधी केंद्र बनाने से जुड़ा होना भी गर्व की बात है।
इससे पहले, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस भवन का निर्माण भारत के सहयोग से हुआ है। यह इमारत मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुईस में भारत की सहायता से बनी पहली आधारभूत संरचना है। इसका निर्णाण भारत सरकार द्वारा 2016 में मॉरीशस को दिए गए 35.3 करोड़ डॉलर के विशेष आर्थिक पैकेज से किया गया है।
यह परियोजना निर्धारित समय में और अनुमानित से कम लागत में पूरी हुई है। यह भवन 4700 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। बता दें कि इससे पहले अक्तूबर 2019 में मोदी और जगन्नाथ ने मॉरीशस में मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना के पहले चरण और नए ईएनटी अस्पताल का उद्घाटन किया था।