छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कानपुर/नई दिल्ली 10 जुलाई 2020 कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक कार पलट गई। जिसमें दुबे भी मौजूद था।पुलिस का कहना है कि दुर्घटना का फायदा उठाकर विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और मारा गया।हालांकि, पुलिस की इस थ्योरी पर कई सवाल भी उठ रहे हैं, जिनका अभी जवाब दिया जाना बाकी है। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है। उन्होंने यह बात ट्वीट करके कही। अखिलेश के अलावा राहुल गांधी, मायावती, प्रियंका गांधी, उमा भारती और दिग्विजय सिंह समेत अन्य नेताओं ने भी इस एनकाउंटर को लेकर प्रतिक्रिया दी हैं। मायावती ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
प्रियंका ने विकास दुबे का नाम कुख्यात अपराधियों की सूची में नहीं शामिल होने को लेकर भी सवाल उठाए थे. प्रियंका ने कहा, ‘तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगजाहिर करना चाहिए
जिसका शक था वह हो गया– दिग्विजय
मध्य प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसे लेकर कहा, ‘ जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है, लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
राज बब्बर का ट्वीट
कांग्रेस के नेता राज बब्बर ने ट्वीट कर कहा, ‘अपराधियों के पकड़े जाने के बाद उन्हें अदालती प्रक्रिया तक नहीं पहुंचा पाना पूरी व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।’