छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 18 जून 2020 कामर्शियल माइनिंग के फैसले के विरोध में 2 से 4 जुलाई को एसईसीएल सहित कोल इंडिया में तीन दिवसीय हड़ताल होगी। महेन्द्र प्रताप सिंह भारतीय मजदूर संघ (प्रभारी) , डॉ. दीपक जायसवाल एनएफआईटीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गोपाल नारायण सिंह एसईकेएमसी ने आज कोयला सचिव को एक हड़ताल नोटिस एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर में संयुक्त रुप से निर्देशक कार्मिक एवं महाप्रबंधक ए.सक्सेना को सौपा,और अनुरोध किया है कि संगठनों के मांगों के समर्थन में की जारी हड़ताल को कोल इंडिया एवं कोयला सचिव को अग्रसित कर देवें भारतीय मजदूर संघ एवं अन्य संगठनों द्वारा दिए गए हड़ताल में प्रमुख मांग सरकार द्वारा कामर्शियल माइनिंग के निर्णय को वापिस लेने सीआईएल एवं एससीएल को रोकने कोल इंडिया से सीएमपीडीआई कंपनी को अलग करने एसईसीएल सहित कोल इंडिया की खदानों में ठेकेदारी मजदूर के रूप में काम करने वाले कामगारों को एचपीसी कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार वेतन व अन्य सुविधा दिलाने संबंधि एग्रीमेंट को लागु करने तथा राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता की धारा 9.3.0/9.4.0/9.5.0 के तहत अनफिट कामगारों के आश्रितों को नौकरी देने संबंधि प्रावधान को लागु करने संबंधित कई मांगो प्रेषित की गई है।
डॉ. दीपक जायसवाल एनएफआईटीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आरसीएमसी के महामंत्री ने छत्तीसगढ़ रिपोर्टर से कहा कि- ध्यान रहे की कोल इंडिया में कार्यरत सभी श्रमिक संगठनों के द्वारा 10 जून 2020 को भी कोयल कंपनियों के महाप्रबंधक के कार्यालयों के समक्ष धरना देकर सरकार को कामर्शियल माइनिंग के फैसले के विरोध में ज्ञापन सौप कर फैसला वापस लेने की चेतावनी दी गई थी। आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व कोयल खदानों के मालिकों द्वारा मजदूरों के साथ शोषण और जूर्म के कारण ही कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। राष्ट्रीयकरण के बाद कोल इंडिया एवं अनुसंगी कंपनिया अस्तिस्व में आए और कोयला कामगारों को सुरक्षा के साथ काम का पूरा वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हुई 15 मिलियन टन से आज कोल इंडिया 500 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर रही है। और देश की उर्जा व आवश्कताओं को पूरा कर रही है। कामर्शियल माइनिंग से 50 वर्ष पूर्व कि स्थिति पर कोयला उद्योग में कार्यरत कर्मचारी आ जाएंगे। ध्यान रहे की सरकार के द्वारा 14 मई को कोल इंडिया के खदानों का भी निजीकरण करने का फैसला लिया था। अब समय आ गया है कि कोल इंडिया के सारे श्रमिक संगठन एवं कर्मचारी मतभेद भुलाकर अस्तिस्व बचाने के लिए अंतिम लड़ाई लडऩे के लिए एक हो चुके हैं। श्रमिक संगठन के समस्त पदाधिकारी हड़ताल को सफल बनाने जुट चुके हैं अगर सरकार ने अपना फैसला वापिस नहीं लिया तो आगे और कड़ी कदम उठाए जाएंगे। इस हड़ताल में एटक के वरिष्ठ नेता हरिद्वार सिंह एचएमएस की ओर से रेश्म लाल यादव एवं सीटू की ओर से जे.एस.सोढ़ी ने भी 2 से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल का नोटिस सौंपा है तथा सभी संगठन मिलकर मजदूरों के अधिकारों को सुरक्षित करने इस हड़ताल को सफल बनाने एक साथ प्रयास करेंगे।