चिरिमिरी खुली खदान में बरसों से बंद पाताललोक का जला कोयला हो रहा है उत्पादित

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कोयले के लगातार जलने के कारण गैस और धुंए से पर्यावरण प्रभावित

सार्वजनिक और निजी कंपनियाँ एसईसीएल चिरिमिरी से क्या जला हुआ कोयला क्रय कर रही होंगी ?

साजिद खान

कोरिया (छत्तीसगढ़) 14 मार्च 2021 (छत्तीसगढ़ रिपोर्टर)। इस बार पाताललोक में वर्षों पहले संचालित होकर बंद चुुुकी खदान के अंदर कोयला जलते रहने के कारण खुलीखदान में उत्पादित कोयला जल रहा है। या दूूूूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि फ्रेश कोयले का उत्पादन न होकर जला कोयला उत्पादित हो रहा है। बहुत ही संशय का विषय है कि सार्वजनिक या निजी कौन सी कंपनियाँ आंख बंद करके चिरिमिरी खुलीखदान के इन जले हुए कोयले को क्रय कर रही होंगी ? पाताललोक में कोयला जलते रहने से जमीन धसकने से लेकर कई विस्फोटक स्थितियाँ उत्पन्न हो जाती है। जिसे चिरिमिरी शहर खून का घूट पीकर देख चुका है। वर्तमान में संचालित एसईसीएल की चिरिमिरी खुलीखदान में बीते कई दिनो से उत्पादित कोयला जल रहा हैै। ऊपर इस उत्पादित कोयले के जलने का कारण नीचे पाताललोक (भूमिगत) में वर्षों पहले संचालित हो चुकी खदान के अंदर गैैैैलरी में कोयले का जलना है।

भविष्य में अनहोनी न वाली होने वाली घटित घटना को देखते हुए यहां प्रबंधन को सतर्क रहकर कोयला उत्पादन करना चाहिए। सवाल यह है कि कोयला भंडारण करके रखा गया रहा या बिना भंडारण केे परिवहन हेतू रखा गया रहा जिससे उत्पादित कोयला जल रहा है। तकनीकी दृष्टि कर्ताओं के अनुसार जलते हुए कोयले को बुझाने की तकनीक का असफल होना प्रबंधन की कमजोरी को दर्शा रहा है क्योंकि यह कोई गोफ एरिया तो है नही कि लगी हुई आग पर मिट्टी फिलिंग कर आग बुझा दिया जाए। यहां तो इस जगह पर कोयला उत्पादन भी करना है। पानी डाल कर आग बुझाना ही पडेगा। फिर इसमें जितना पानी पडेगा उतना ही गैस और धुंआ निकलेगा क्योंकि नीचे वर्षों पहले बंद हो चुकी भूमिगत खदान में अंदर कोयला जल रहा है और ऊपर में ये खुलीखदान चिरिमिरी का कोयला उत्पादन संचालित है। बडी-बडी मशीनों, मेनपावर और ठेकेदारी श्रम शक्ति की लागत लगाकर कोयला उत्पादन करना परन्तु उत्पादित कोयले का खुलेआम खुलीखदान में जलते रहना राष्ट्र की संपत्ति का नुकसान है। कोयले जलते रहने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। क्या गेस्ट हाउस या कांफ्रेंस हाल की मीटिंग में बैठकर पर्यावरण और जल सुरक्षित हो जाता है ?

जानकारी के अनुसार चिरिमिरी कोयला प्रक्षेत्र में संचालित प्रोजेक्ट चिरिमिरी खुलीखदान (ओपन कास्ट) में कई दिनों से उत्पादित कोयले में आग लगी हुई है और उसे बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन पता चला है कि कोयले में लगी आग को बुझाने की तकनीक कारगार साबित नही हो पा रही है। जलते कोयले का गैस और धुंआ खुलीखदान से निकलकर आसमान की तरफ रोजाना निकलता है। बताया जाता है कि नीचे पूर्व में संचालित होकर बंद हो चुकी भूमिगत खदान में जलते कोयले के कारण उत्पादित कोयले में आग लगी है दूसरे शब्दों में ऐसा कह सकते हैं या समझ सकते हैं कि जले हुए कोयले का ही उत्पादन हो रहा है। क्या यही कोयला विक्रय होकर सार्वजनिक या निजी कंपनियों तक पहुंच रहा है ? इस खदान में एसईसीएल के द्वारा कोयले का कितना उत्पादन लक्ष्य निर्धारित रखा गया है। महीने और वर्ष के निर्धारित लक्ष्य के कितने अंतर का अब तक उत्पादित हुआ कोयला जल चुका है। जांच का विषय है। इससे चिरिमिरी शहर के पर्यावरण को कितना नुकसान हो रहा है।

समझा जा सकता है कि पर्यावरण शाखा एसईसीएल में बैठे अफसर रोजाना जरूर इसका आंकलन और संकलन का माप करते होंगे। बडे हैरत का विषय है कि वर्षों पहले भूमिगत बंद खदान के ऊपर ( सरफेस) में खुलीखदान संचालित है और संचालित खुलीखदान में कोयले में लगी आग का नही बुझा पाना उत्पादन में तकनीकी गलती और कमजोरी को प्रदर्शित करता है। जहां एसईसीएल बड़ी-बड़ी मशीनों और मेन पावर की लागत को लगाकर कोयला उत्पादन कर रहा हैै। वहां से उत्पादित न जाने कितना टन जला कोयला विक्रय हुआ और न जाने कितना टन जलकर राख बना। जिसमें कंपनी के साथ-साथ राष्ट्र का नुकसान हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ निजीकरण बांहे फैलाए खडा है। 

जलते कोयले से पर्यावरण प्रभावित होने के मामले में प्रभारी चिरिमिरी वन परिक्षेत्राधिकारी सूर्यदेव सिंह ने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए यहां के जो अधिकारी सबएरिया और जीएम है । उनको पत्र के माध्यम से प्रेषित करूंगा जानकारी चाहूंगा कि ऐसा क्यों ! पर्यावरण संतुलन रखना भारत देश के सभी नागरिकों का दायित्व बनता है।

इस मामले में चिरिमिरी ओपन कास्ट सबएरिया मैनेजर से फोन काल से संपर्क करने पर काल रिसिव नही किया गया।

इस मामले में चिरिमिरी प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक से फोन काल से संपर्क करने पर काल रिसिव नही किया गया।

इस मामले में स्टाफ आफिसर (सेफ्टी) का कहना कि ओपन कास्ट चल रही है जो भी कोयला वहां से निकलता है। पहले से ही कोयले में आग लगी हुई है। वहां पर आग को बुझाने के लिए पंप से, पाइप लाइन से, टैंकर के माध्यम से समुचित व्यवस्था किया गया। आग को काबू में रखना चिरिमिरी ओपन कास्ट की निरंतर प्रकिया का अंग है। वहां पर जो कोयला निकलता है वह फ्रेश नही निकलता है। आल रेडी बरसों पुराना आग लगा हुआ कोयला निकलता है।

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