(एटक) के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह ने छत्तीसगढ़ रिपोर्टर से कहा कि 50 कोल ब्लॉको को निजी कंपनीयों को आवंटन करने का फैसला किया है, सी.एम.पी.डी.आई. जो ब्रेन है कोल इंडिया का हमारे ब्रेन को हि खत्म करने का काम सरकार ने किया है, 3 लाख कोयला मजदुर मर मिटेंगे लेकिन कोयला खदान का निजीकरण नही होने देंगे। हम मजदुरो का साफ -साफ नारा है कि खुन भी देंगे जान भी देंगे लेकिन कोयला खदान नही देंग
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर/कोरबा/ कुसमुंडा 22 मई 2020। देशभर के विभिन्न कोयला खदानों की कमर्शियल माइनिंग के फैसले के विरोध में एसईसीएल में भी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज दिनांक 22-05-2020 को संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह के नेतृत्व में एटक, एचएमएस, इन्टक, सीटू यूनियन के द्वारा प्रधानमंत्री, भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन महाप्रंबंधक (कार्मिक/प्रशासन) एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को सौपा गया। इसी प्रकार एसईसीएल के सभी क्षेत्रिय महाप्रबंधक कुसमुंडा,गेवरा, दीपका,कोरबा, बैकुंठपुर, चिरमीरी, सुहागपुर, हसदेव, विश्रामपुर, रायगढ़, जोहिला, जमुना कोतमा, भटगांव आदि कार्यालय में केन्द्रीय ट्रेड यूनियन एटक, एचएमएस, इन्टक, सीटू के चारो यूनियन ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम से ज्ञापन सौपा।
भारत सरकार के मजदूर विरोधी, जन विरोधी, सार्वजानिक उपक्रम विरोधी नीतियों कामर्शियल माइनिंग, खदानों के लीज स्थानांतरण, 50 कोल ब्लॉक का आवंटन, कारपोरेट घराना को लाभ पहुंचाने का षड्यंत्र, श्रम कानून में परिवर्तन कर 12 घंटे काम की अवधि तक काम कराने के अध्यादेश तथा संस्थानों में 16 घंटे तक काम करने की बाध्यता को वापस करने, रक्षा क्षेत्र में एफडीआई 49 से 74 प्रतिशत करने के खिलाफ, 6 हवाई अड्डे बेचने के खिलाफ, प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित सरकारी संसाधन से उनके घर पहुंचाने, रास्ते में दुर्घटना या बीमारी से मारे गए समस्त मजदूरों के परिवार को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा देने, जिनके मां-बाप दुर्घटना में मारे गए हैं उनके बच्चों की पालन पोषण एवं शिक्षा एवं रोजगार की गारंटी शासन करें, प्रवासी मजदूरों को प्रतिमाह 8 किलो चावल 5 किलो आटा 3 किलो दाल 2 किलो चना तथा 7500 रु प्रतिमाह उनके खाते में डाला जाए, सरकार के घोषणा के अनुरूप करोना के कारण उद्योग में काम से बैठे समय का मजदूरी का भुगतान उद्योग या संस्थान करें, जिन मजदूरों चाहे कोयला उद्योग के मजदूर हो, दूसरे उद्योगों में कार्यरत मजदूर हो, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशाकर्मी, उषा, रसोईया हो यदि काम किए हैं तो उन्हें सम्मानजनक प्रोत्साहन राशि दिया जाए, इस बीच यदि उनमें से किसी की मौत हो जाती है तो 50 लाख की बीमा राशि दिया जाए, मनरेगा की अवधि गांव एवं शहरी क्षेत्र दोनों में साल में 200 दिन करने तथा मजदूरी प्रतिदिन 500 करने, इत्यादि मांगो के समर्थन में यह ज्ञापन सौपा गया है। इस अवसर पर एटक यूनियन के काम, गजराज सिंह, काम, भगवान साहू, एचएमएस यूनियन से डी.के.वर्मा, पी.के.गौराहा, इन्टक यूनियन से निर्मल दास, ओ.पी.नारंग, सीटू यूनियन से काम0 एम.ए.हनीफी सहित चारो यूनियन के कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
आज 22-05-2020 एसईसीएल के सभी क्षेत्रिय महाप्रबंधकों को दिए गए ज्ञापन में 1-12 तक कंडिकावार सरकार के फैसले को लेकर विरोध जताते हुए उन्होनें सभी को निरस्त करने की मांग की है। दिए गए ज्ञापन के अनुसार
- (1) कामर्शियल माईनिंग का फैसला वापस लो खदानों का लीज स्थांतरण करने का फैसला लो निज क्षेत्रों को कोल आबंटन करने का फैसला भारत सरकार वापस लें।
- (2) श्रम कानुनों में परिर्वतन का फैसला वापस लो 12 घंटे उद्योग में तथा 16 घंटे संस्थानों में कार्य करने का फैसला अमानविय है। वासस लो ।
- (3) सीएमपीडीआई कोल इंडिया का अभिन्न अंग है। केन्द्र सरकार बदनियति से कोल इंडिया के विकास में बाधा डालने के लिए सी.एम.पी.डी.आई. को सरकार के अधिन रखना चाहित है। सी.एम.पी.डी.आई. को कोल इंडिया से अलग करने का फैसला वापस लेने का फैसला वापस लो।
- (4) ठेका मजदूरों को कोयला उद्योग में काम मुहैया कराव तथा एच.पी.सी. वेज का भुगतान करो।
- (5) रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाकर 49 से 74 प्रतिशत करने का फैसला वापस लो।
- (6) 6 हवाई अड्डे बिक्री करने का फैसला वापस लो।
- (7) प्रवासी मजदूरों को सरकारी संसाधनों से सुरक्षित उनके घर पहुंचावो।
- (8) प्रवासी मजदूरों या अन्य गरीब परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 8 किलो चांवल, 5 किलो ऑटा, 3 किलो दाल, 2 दो किलो चना मुहैया कराव हर माह प्रति परिवार 7500 रुपए प्रति माह उनके बैंक खाते में भेजो।
- (9) रास्ते में दुर्घटना या बीमारी से मारे गए प्रवासी मजदूरों के परिवार को 50 लाख मुआवजा दिया जाए उनेके बच्चों कि शिक्षा, रोजगार, पालन-पोषण की गारंटी शासन करे।
- (10) कोविड-19 के महामारी के समय में कार्य करने वाले मजदूर चाहे वो किसी भी क्षेत्र के हो कोयला, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कर्मी, उषा कर्मी, रसोईया एवं अन्य उद्योगों में कार्यरत मजदूर सभी को रुपए 10.000 प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाए। तथा किसी की मौत होने पर 50 लाख रुपए का बीमा राशि दिया जाए।
- (11) सरकार के घोषणा के अनुरुप कोविड-19 के कारण उद्योग में काम से बैठे मजदूर को उस अवधि के मजदूरी का भूगतान उद्योग या संस्थान करे।
- (12) मनरेगा की अवधि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र दोनों जगह साल में दो सौ दिन किया जाए तािा निर्धारित मजदूरी दर प्रति दिन 500 किया जाए।