छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 25 दिसंबर 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों से बातचीत की। मौका तो 9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपए की सम्मान निधि ट्रांसफर करने का था, लेकिन प्रधानमंत्री के मन में बंगाल और किसान आंदोलन भी था। वे करीब 80 मिनट बोले। इसमें से 20 मिनट उन्होंने उन्हीं मुद्दों पर बात की, जिन्हें किसान आंदोलन में उठाया जा रहा है।
मोदी ने कहा- सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है। नए कानूनों के बाद किसान जहां चाहें और जहां सही दाम मिले, वहां अपनी उपज बेच सकते हैं। कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों से आपकी जमीन चली जाएगी, उनकी बातों में नहीं आएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस मुद्दे पर क्या बोले?
1. किसान आंदोलन पर
(1) प्रधानमंत्री ने कहा- आंदोलन में कई भोले-भाले किसान हैं, लेकिन कृषि कानूनों को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कृषि कानूनों से उनकी जमीन चली जाएगी।
(2) मोदी ने कहा- कुछ नेता किसानों के नाम पर अपना एजेंडा चला रहे हैं। किसानों को गुमराह कर रहे हैं। उनके कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। ये लोग हिंसा के आरोपियों को जेल से छुड़वाने की मांग कर रहे हैं। हम भरोसा दिलाते हैं कि किसानों के विश्वास पर कोई आंच नहीं आने देंगे। चर्चा के लिए हम तैयार हैं। समाधान के लिए हम खुला मन लेकर चल रहे हैं।
(3) प्रधानमंत्री बोले- अभी कई जगह स्थानीय निकाय के चुनाव हुए। इसमें किसानों को वोट देना था। लोगों ने आंदोलन के अगुआ लोगों के खिलाफ वोटिंग की। विपक्ष से भी मैं आज नम्रता के साथ कहता हूं कि हमारी सरकार बात करने के लिए तैयार है, लेकिन बात मुद्दों पर होगी, तर्क और तथ्यों पर होगी।
2. MSP पर
(1) किसानों की सबसे बड़ी मांग यह है कि सरकार मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP जारी रखने पर लिखित आश्वासन दे। मोदी ने किसान संवाद में इस पर भी बात की। उन्होंने कहा- आंदोलन में शामिल भोले-भाले किसान बताएंगे कि वे भी MSP पर अनाज बेच चुके हैं। सच तो ये है कि बढ़े हुए MSP पर सरकार ने रिकॉर्ड खरीदी की है, वो भी नए कानून बनने के बाद।
(2) प्रधानमंत्री ने कहा- आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो आप उसे बेच सकते हैं।
3. नए कानूनों की बात
मोदी ने कहा- नए कानूनों के बाद आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप अपनी उपज दूसरे राज्य में बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप एफपीओ के माध्यम से उपज को एक साथ बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं। आप बिस्किट, चिप्स, जैम, दूसरे कंज्यूमर उत्पादों की वैल्यू चेन का हिस्सा बनना चाहते हैं? आप ये भी कर सकते हैं। आप अपनी उपज का निर्यात करना चाहते हैं ? आप निर्यात कर सकते हैं। आप उसे व्यापारी को बेचना चाहते हैं? आप बेच सकते हैं।
4. कंपनियों की भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा- पंजाब में कई कंपनियां एग्रीमेंट फार्मिंग कर रही हैं। अगर फसल खराब हो गई तो सामने वाला एग्रीमेंट खत्म नहीं कर सकता, लेकिन किसान एग्रीमेंट कभी भी खत्म कर सकता है। पहले एग्रीमेंट तोड़ने पर किसानों पर जुर्माना लगता था, अब किसानों को कुछ नहीं देना पड़ता। अगर कंपनी को फसल से ज्यादा मुनाफा होगा, तो उसे फसल के दाम से अलग बोनस भी किसान को देना होगा। यानी अब रिस्क उठाने का मामला किसान नहीं, बल्कि कंपनी के जिम्मे है।
5. ममता समेत विपक्ष पर मोदी का निशाना
अफसोस कि बंगाल के किसानों को फायदा नहीं मिला: मोदी ने कहा- बंगाल में जो किसानों को फायदा नहीं पहुंचने दे रहे, वे दिल्ली आकर किसानों की बात करते हैं। मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से ज्यादा किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन, राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।
दो हजार के लिए आवाज नहीं उठाई: प्रधानमंत्री ने कहा- कई किसानों ने भारत सरकार को सीधी चिट्ठी लिखी है, लेकिन राज्य सरकार इसे अटकाकर बैठ गई है। जो लोग बंगाल में 30-30 साल तक राज करते थे, वे लोग बंगाल को कहां से कहां ले गए। उन लोगों ने किसानों को मिलने वाले 2 हजार रुपए के लिए आवाज नहीं उठाई और आंदोलन के लिए पंजाब चले गए। क्या देश की जनता को इस खेल का पता नहीं है। विपक्ष की जुबान इस पर क्यों बंद हो गई है?
केरल में आंदोलन क्यों नहीं करते: मोदी ने कहा- जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते, वो यहां दिल्ली में आकर किसान की बात करते हैं। इन दलों को आजकल APMC मंडियों की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये बार-बार भूल जाते हैं कि केरल में APMC मंडियां हैं ही नहीं। केरल में ये लोग कभी आंदोलन नहीं करते।
6. किसानों को भरोसा
डेढ़ गुना MSP: मोदी ने कहा- हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले। हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई। हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हों। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।
किसानों की मर्जी का ध्यान रखा: प्रधानमंत्री ने कहा- कृषि सुधारों के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। आप न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो उसे बेच सकते हैं। आप मंडी में अपनी उपज बेचना चाहते हैं तो वहां भी बेच सकते हैं। निर्यात करना चाहें या व्यापारी को बेचना चाहें यह भी आपकी मर्जी है।
किसानों से चर्चा में मोदी ने पूछा- कंपनियां अदरक ले जाती हैं या जमीन भी ले जाती हैं?
1. अरुणाचल प्रदेश
किसान: मुझे 4 महीने में 2-2 हजार मिले। पीएम फंड से मिले पैसे से ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की और FPO बनाया। ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं।
मोदी: जिन कंपनियों से आप जुड़े हैं, वे आपसे सिर्फ अदरक लेते हैं या जमीन भी ले जाते हैं?
किसान: ऐसा नहीं होता।
मोदी: आज इतनी दूर अरुणाचल से कह रहे हैं कि आपकी जमीन सुरक्षित है। यहां भ्रम फैलाया जा रहा है कि किसानों की जमीन ली जाएगी।
2. उत्तर प्रदेश
किसान: डेढ़ एकड़ में खेती करते हैं। FPO में 100 छोटे-छोटे किसान हैं।
मोदी: क्या आपको लगता है कि नए सुधारों से फायदा होगा? आपकी जमीन तो नहीं जाएगी?
किसान: हां, इनसे हमें फायदा हो रहा है। जमीन जाने जैसी कोई बात नहीं।
मोदी: यहां तो झूठ फैलाया जा रहा है, लेकिन जब आप जैसे लोग बोलते हैं तो भरोसा बढ़ता है।
3. ओडिशा
किसान: 12 मार्च 2019 को किसान क्रेडिट कार्ड मिला। मैंने 4% पर लोन लिया है। साहूकार से 20% से कर्ज मिलता है। लोन के पैसे से मेरे जीवन में सुधार हुआ है। मेरे पास एक एकड़ जमीन है।
मोदी: अटलजी की सरकार ने किसानों को कम दरों को लोन देने की शुरुआत की थी, हम इसी काम को आगे बढ़ा रहे हैं।
4. तमिलनाडु
किसान: मुझे ड्रिप इरिगेशन से काफी फायदा हुआ। इससे पानी की भी काफी बचत हुई।
मोदी: आपने कमाई तो की, साथ ही पानी बचाकर मानव सेवा भी की। आपकी आय भी बढ़ी और जमीन का उपयोग भी हुआ। आपसे आग्रह करूंगा कि और किसानों को भी समझाइए कि पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती।
सरकार की नीतियां किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार के प्रमुख मंत्रियों ने भी अलग-अलग राज्यों में किसानों को संबोधित किया।
मंत्री | कहां संबोधन |
अमित शाह | किशनगढ़ गांव, महरौली, दिल्ली |
नितिन गडकरी | सिलचर, असम |
गजेंद्र सिंह शेखावत | जैसलमेर, राजस्थान |
रविशंकर प्रसाद | पटना, बिहार |
वीके सिंह | गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश |
आज का दिन क्यों चुना?
आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। इस मौके पर भाजपा देशभर कार्यक्रम करवा रही है। इन कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक शामिल हो रहे हैं। किसानों के लिए चौपाल लगाई जा रही हैं।