पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बक्सर से जुड़ने पर बिहारवासियों को दिल्ली जाने के लिए एक सुगम और कम समय लेने वाला रास्ता मिल जाएगा
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पटना 10 दिसम्बर 2020। 6 लेन का बन रहा कोईलवर पुल गुरुवार को चालू हो गया। फिलहाल इसकी 3 लेन ही शुरू हुई है। बाकी की 3 लेन भी 6 माह में शुरू हो जाएगी। इस नए पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इस पुल के खुल जाने से पटना से आरा, बक्सर और छपरा जाने का रास्ता आसान हो गया है। 266 करोड़ की लागत से एनएच 30 के कोईलवर में सोन नदी पर बने अपस्ट्रीम पुल का उद्घाटन किया गया है। डेढ़ किलोमीटर लंबा यह पुल कोईलवर सड़क और रेल पुल के ठीक बगल में है।
नीतीश कुमार लंबे समय से कर रहे थे मांग
नितिन गडकरी ने उद्घाटन के मौके पर नीतीश कुमार की लंबे समय से की जा रही मांग पूरी कर दी। उन्होंने एलान कर दिया कि लखनऊ से गाजीपुर तक बन रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार बक्सर तक होगा। सीएम नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया था कि पटना से दिल्ली का सड़क मार्ग से सफर आसान करने के लिए गाजीपुर तक आ रही लखनऊ-गाजीपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बिहार के बक्सर तक पहुंचा दिया जाए। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे गाजीपुर को आजमगढ़ और अयोध्या के रास्ते लखनऊ तक 6 लेन की सड़क से जोड़ेगा। बिहार के लोग इस समय मुजफ्फरपुर-गोरखपुर के रास्ते लखनऊ और लखनऊ से एक्सप्रेस-वे के रास्ते आगरा होते हुए दिल्ली जाते हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बक्सर से जुड़ने पर बिहारवासियों को दिल्ली जाने के लिए एक सुगम और कम समय लेने वाला रास्ता मिल जाएगा।
महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम से जाना जाएगा पुल
कोईलवर पर बने नए पुल का अभी तक नामकरण नहीं हुआ है। नितिन गडकरी ने उद्घाटन के दौरान कहा कि इसका नाम भोजपुर के महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम पर रखने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरा के लोग अगर प्रस्ताव भेजें तो इस पुल का नाम महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम पर रख दिया जाएगा।
घंटों जाम में फंसे रहने से मिलेगा छुटकारा
इस पुल से भोजपुर, सारण जाने वाले लोगों को जाम से निजात मिलेगी। पटना से बिहटा के रास्ते भोजपुर और सारण जाने वाले लोगों को अब घंटों जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। कोईलवर के पुराने अब्दुल बारी पुल पर हमेशा जाम रहने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ती थी। अब इस पुल के खुल जाने से लगभग 2 करोड़ लोगों को जाम से निजात मिलने की उम्मीद है। पुल की लंबाई 1526 मीटर है। यह 266 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है।
समय और ईंधन की बचत होगी
इस पुल पर यातायात शुरू होने से दक्षिण और मध्य बिहार से पटना, आरा, बक्सर, छपरा आने-जाने में सुविधा होगी। इसके अलावा निर्माण सामग्री बालू, गिट्टी आदि की ढुलाई भी आसानी से हो पाएगी। स्वर्णिम चतुर्भुज और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रास्ते राज्य का देश के अन्य हिस्सों से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। समय और ईंधन की बचत तो होगी ही, साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी। सरकार के मुताबिक इस पुल के उद्घाटन के बाद रोजगार, स्वरोजगार के नए अवसरों का सृजन और स्थानीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। कृषि उपज के साथ स्थानीय और अन्य उत्पादों की बड़े बाजारों तक पहुंच में सुविधा होगी।
दो समारोह
पुल के उद्घाटन समारोह को दो तरीके से आयोजित किया गया। एक कोईलवर में जहां केंद्रीय राज्य ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, पाटलिपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव सहित कई नेता उपस्थित रहे। वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री जनरल वीके सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई नेता इससे जुड़े और इस पुल का उद्घाटन किया।
विरोध प्रदर्शन भी
उधर, कोईलवर में स्थानीय संदेश विधायक किरण देवी को निमंत्रण नहीं मिलने से नाराज राजद के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। राजद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुल के उद्घाटन में स्थानीय विधायक को नहीं बुलाया जाना अपमान है। पुल के निर्माण के समय स्कूल तोड़ा गया था इसलिए हमारी मांग है कि स्कूल के निर्माण का शिलान्यास कराया जाए।