छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
दंतेवाड़ा 07 नवंबर 2022। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एनएमडीसी (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) की जनसुनवाई का ग्रामीणों ने सोमवार को विरोध कर दिया। पारंपरिक हथियार लेकर पहुंचे आदिवासियों ने विद्यानगर चौक पर सड़क जाम कर दी और राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आदिवासियों का कहना था कि जल और जंगल को बर्बाद कर दिया है। नदियां प्रदूषित हो गई हैं, जिसका पानी पीकर मवेशी मर रहे हैं और ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। इसके बाद प्रशासन और प्रबंधन की टीम बैरंग लौट गई।
बैलाडीला के डिपॉजिट 14 की क्षमता का करना है विस्तारीकरण
जानकारी के मुताबिक, बैलाडीला के डिपॉजिट 14 की क्षमता के विस्तारीकरण के लिए सोमवार को प्रशासन और एनएमडीसी ने जनसुनवाई का आयोजन किया था। इस जनसुनवाई का सयुंक्त पंचायत जनसंघर्ष समिति ने विरोध कर दिया। सैकड़ों की संख्या में आदिवासी किरंदुल के विद्यानगर चौक पर एकत्र हो गए। हाथों में तीर-धनुष और अन्य पारंपरिक हथियार लिए इन ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगा दिया। आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के चलते एक भी ग्रामीण नहीं पहुंच सका।
आदिवासियों का आरोप पर्यावरण की शर्तों का पालन नहीं
विरोध प्रदर्शन में 28 ग्राम पंचायतों के हजारों ग्रामीण शामिल हुए थे। आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि एनएमडीसी जो कि पिछले 60 सालों से बैलाडीला में लौह उत्खनन का कार्य कर रही है, उस कंपनी ने कभी भी पर्यावरण स्वीकृति में निहित शर्तो का पालन नही किया है। उन्होंने कहा कि लौह उत्खनन से निकलने वाले लाल पानी से जिले के कई नदियां प्रदूषित हो चुकी है, दर्जनों प्राकृतिक जल स्रोत विलुप्त हो चुके हैं। हजारों एकड़ जमीन बंजर हो गई और लाखों पेड़ नष्ट हो चुके हैं।
नदी-नाले प्रदूषित हो रहे
आदिवासी नेता सोनी सोरी ने बताया कि एनएमडीसी 60 सालों से लौह अयस्क का दोहन कर पेड़-पौधों को काट कर रही है। इसके एवज में एनएमडीसी से प्रभावित गांवों को कुछ नहीं दिया जा रहा है। प्रभावित गांवों की संख्या 50 से ज्यादा है, लेकिन जनसुनवाई में सात गांव के लोगों को ही क्यों बुलाया गया ? आरोप लगाया कि एनएमडीसी की वजह से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। नदी-नालों का पानी दूषित हो रहा है और पेड़ों को काटकर प्लांटेशन नहीं किया जा रहा है।