मुफ्त वाली योजनाओं के बचाव में सुप्रीम कोर्ट पहुंची आप, कहा- असमान समाज के लिए यह बेहद जरूरी

शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

नई दिल्ली 09 अगस्त 2022। आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त की योजनाओं का वादा करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ एक जनहित याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। पार्टी ने अपनी अर्जी में कहा है कि मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त परिवहन जैसे चुनावी वादे मुफ्त नहीं हैं, क्योंकि ये योजनाएं असमान समाज में बेहद जरूरी हैं। पार्टी ने इस मामले में खुद को पक्षकार बनाए जाने की भी मांग की है। पार्टी ने इस तरह की घोषणाओं को राजनीतिक पार्टियों का लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार बताया। आप ने याचिकाकर्ता को भाजपा का सदस्य बताते हुए उनकी मंशा पर भी सवाल उठाए।

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और नीति आयोग से उपाय सुझाने के लिए कहा था
शीर्ष अदालत ने तीन अगस्त को केंद्र, नीति आयोग, वित्त आयोग और आरबीआई जैसे हितधारकों से चुनावों के दौरान मुफ्त की योजनाओं का वादा करने के मुद्दे पर विचार करने और इससे निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने के लिए कहा था। अदालत ने इस मुद्दे से निपटने के लिए सरकार को उपाय सुझाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का आदेश देने का संकेत दिया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता
बता दें कि पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने गैरजरूरी मुफ्त योजनाओं से अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान पर चिंता जताई थी।  राज्यों पर बकाया लाखों करोड़ों रुपए के कर्ज का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले के समाधान के लिए एक कमिटी बनाने के संकेत दिए थे।

जानें अश्विनी उपाध्याय की याचिका में क्या कहा गया?
वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त की योजनाओं की घोषणा को मतदाताओं को रिश्वत देने की तरह देखा जाए। चुनाव आयोग अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ऐसी घोषणा करने वाली पार्टी की मान्यता रद्द करे।

चुनाव आयोग ने दी थी यह राय
इस याचिका पर अप्रैल में हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनाव से पहले या बाद में मुफ्त उपहार देना राजनीतिक दलों का नीतिगत फैसला है। वह राज्य की नीतियों और पार्टियों की ओर से लिए गए फैसलों को नियंत्रित नहीं कर सकता। आयोग ने कहा कि इस तरह की नीतियों का क्या नकारात्मक असर होता है? ये आर्थिक रूप से व्यवहारिक हैं या नहीं? ये फैसला करना वोटरों का काम है। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा था कि चुनाव से पहले या बाद में किसी भी मुफ्त सेवा की पेशकश/वितरण संबंधित पार्टी का एक नीतिगत निर्णय है और क्या ऐसी नीतियां आर्थिक रूप से व्यवहारिक हैं या राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य पर इसका उल्टा असर पड़ता है, इस सवाल पर राज्य के मतदाताओं को विचार कर निर्णय लेना चाहिए। 

चुनाव आयोग ने यह हलफनामा वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका के जवाब में दाखिल किया था। याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव से पहले सार्वजनिक धन से तर्कहीन मुफ्त का वादा या वितरण एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की जड़ों को हिलाता है। चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता को खराब करता है। दलों पर शर्त लगाई जानी चाहिए कि वे सार्वजनिक कोष से चीजें मुफ्त देने का वादा या वितरण नहीं करेंगे। 

Leave a Reply

Next Post

चीन के हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार ताइवान, शुरू किया युद्धाभ्यास

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर   ताइपे 09 अगस्त 2022। अड़ियल चीन के हर हमले का जवाब देने के लिए ताइवान ने भी तैयारी शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीनी हमले से खुद की रक्षा करने के लिए ताइवान ने भी युद्धाभ्यास शुरू कर दिया […]

You May Like

सरकार ने भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफी से किया इनकार, प्रियंका गांधी बोलीं- केंद्र ने विश्वासघात किया....|...."सरकार का इकबाल खत्म, अपराधियों का हौसला बढ़ा", तेजस्वी ने लॉ एंड ऑर्डर पर एक बार फिर नीतीश सरकार को घेरा....|....स्कूल, बाजार और अन्य सार्वजनिक स्थान बंद, 17 अप्रैल तक आदेश जारी....|....नक्सलियों के पर्चा पर गृहमंत्री का बड़ा बयान: विजय शर्मा बोले- चर्चा चाहते हैं, तो मुख्यधारा में आएं,नहीं तो.......|....कांग्रेस ने जातिगत जनगणना, SC-ST सब प्लान पर केंद्रीय कानून जैसे वादे किए; 12 पेज का प्रस्ताव....|....फडणवीस बोले: माओवादी संगठनों से जुड़े समूह शहरी क्षेत्रों में सक्रिय, प्रस्तावित सार्वजनिक सुरक्षा कानून जरूरी....|....अमित शाह बोले: बंगाल में बनाए जाते हैं घुसपैठियों के ID कार्ड; ममता के हटने पर हल हो जाएगी घुसपैठ की समस्या....|....निजी शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण लागू करना चाहती है कांग्रेस, अहमदाबाद अधिवेशन में प्रस्ताव पारित....|....अनुभव से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है-अभिनेत्री खुशी पाल....|....मिमोह चक्रवर्ती, रोहित सूर्यवंशी स्टारर हॉरर कॉमेडी फिल्म "ओए भूतनी के" का ट्रेलर व म्युज़िक लॉन्च