कप्तानी छोड़ने के बाद सबसे लंबा चला था इस खिलाड़ी का करियर, अब विराट कोहली का क्या होगा?

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

नई दिल्ली 16 जनवरी 2022। विराट कोहली ने टेस्ट फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी है। शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। अब वह तीनों प्रारूपों में बतौर बल्लेबाज खेलेंगे। हालांकि, अब सवाल यह उठ रहा है कि कप्तानी छोड़ने के बाद 33 साल के कोहली का करियर कितना लंबा होगा। हम आपको 10 या उससे ज्यादा टेस्ट में भारत की कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों के पद छोड़ने के बाद वे कितने साल तक टेस्ट खेलते रहे, इस बारे में बता रहे हैं।

भारत के लिए टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के बाद सबसे ज्यादा समय तक खेलते रहने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है। सचिन 1996 में टेस्ट कप्तान बने थे और साल 2000 तक कप्तानी की थी। उनकी कप्तानी में भारत ने 25 टेस्ट खेले। इसमें से चार में जीत मिली और नौ मैचों में हार का सामना करना पड़ा। 12 टेस्ट ड्रॉ रहे थे। 2000 में कप्तानी छोड़ने के बाद सचिन 2013 तक टेस्ट खेलते रहे। यानी 13 साल उन्होंने टीम का प्रतिनिधित्व किया। कप्तानी छोड़ने वक्त सचिन की उम्र 27 साल की थी, जबकि संन्यास लेते वक्त उनकी उम्र 40 साल थी।

कपिल भी काफी समय तक खेलते रहे

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पूर्व ऑलराउंडर कपिल देव हैं। कपिल को 1983 में टेस्ट की कप्तानी सौंपी गई थी। 1987 में उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था। इसके बाद वह 1994 तक क्रिकेट खेलते रहे। यानी कप्तानी से हटने के बाद कपिल सात साल तक क्रिकेट खेलते रहे थे। कप्तानी से हटाए जाने के वक्त कपिल 28 साल के थे और उनका करियर 35 साल की उम्र में खत्म हुआ था। 

द्रविड़ ने भी जल्दी छोड़ दी थी कप्तानी

इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ हैं। द्रविड़ ने पहली बार 2003 में टेस्ट में कप्तानी की थी। तब वह 30 साल के थे। 2005 में द्रविड़ रेगुलर कैप्टन बन गए थे। 2007 में द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ दी थी। उस वक्त उनकी उम्र 34 साल थी। इसके बाद 2012 तक टेस्ट खेलते रहे थे। 2012 में उन्होंने संन्यास ले लिया था। द्रविड़ कप्तानी छोड़ने के बाद पांच साल तक टेस्ट खेलते रहे। तब उनकी उम्र 39 साल की थी। 

गांगुली और वेंगसरकर चौथे नंबर पर

कप्तानी छोड़ने के बाद सबसे ज्यादा समय तक टीम में बने रहने के मामले में सौरव गांगुली और दिलीप वेंगसरकर संयुक्त रूप से चौथे नंबर पर हैं। इन दोनों ने टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के बाद लगभग तीन-तीन साल तक टीम का प्रतिनिधित्व किया। वेंगसरकर 1987 में कप्तान बने थे और 1989 में उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी। 31 साल की उम्र में वह कप्तान बने और 33 साल में कप्तानी छोड़ दी। इसके बाद वह 1992 तक, यानी 36 साल की उम्र तक टेस्ट क्रिकेट खेलते रहे थे। वहीं, गांगुली साल 2000 में पहली बार टेस्ट कप्तान बने और उन्होंने 2005 तक टीम इंडिया की कप्तानी की। यानी 28 साल की उम्र में गांगुली को कप्तानी मिली थी और 33 साल की उम्र में उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद वह 2008 तक यानी तीन और साल तक टेस्ट खेलते रहे थे। 2008 में संन्यास लेते वक्त गांगुली की उम्र 36 साल थी। गांगुली ही वह कप्तान हैं, जिनके अंदर टीम इंडिया ने विदेश में जीतना सीखा।

 

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