छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 07 अगस्त 2021। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 2019 में नौ साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में 24 वर्षीय एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक अजीत सिंह ने कहा कि विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी ने मंगलवार को दिए गए फैसले में दोषी पर 1,250 रुपये का जुर्माना भी लगाया। आमतौर पर उम्रकैद की सजा 14 साल के बाद खत्म हो जाती है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह दोषी की पूरी जिंदगी तक चल सकती है। आरोपी भोला साहू को आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) के साथ-साथ 12 साल से कम उम्र की लड़की पर यौन हमले से निपटने वाले यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था।
न्यायाधीश ने कहा कि यौन हिंसा न केवल एक अमानवीय कृत्य है, बल्कि एक महिला की निजता और पवित्रता के अधिकार का भी उल्लंघन है जो उसके पूरे जीवन को प्रभावित करता है। इन अपराधों पर नरम दृष्टिकोण रखना उचित नहीं है जो वर्तमान में अत्यधिक बढ़ रहे हैं।
न्यायाधीश ने कहा, इस मामले में आरोपी ने चाकू की नोक पर 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। इस तरह की प्रवृत्ति किसी को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वास्तव में इंसान हैं ईश्वर की सबसे अच्छी रचना? क्योंकि यह प्रवृत्ति जानवरों में भी नहीं है। यह घटना चार दिसंबर 2019 की है।
लड़की के परिवारवालों ने कहा कि लड़की की तबीयत खराब थी, इसलिए उसके माता-पिता उसे दादी के घर छोड़कर काम पर चले गए। उसके बाद आरोपी चुपके से घर में घुसा और चाकू की नोंक पर लड़की के साथ दुष्कर्म किया, जबकि उसकी दादी घर से बाहर थी। बाद में आरोपी भोला साहू को गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर अदालत में मुकदमा चलाया गया।