नई वाहन कबाड़ नीति की गडकरी ने की संसद में घोषणा, पुराने वाहनों को सडक़ो से हटाने पर देश को कई लाभ

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स्क्रेप पर वाहन मालिकों को मिलेगी 6 फीसदी तक वाहन खरीदी में छूट

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर          

नई दिल्ली 18 मार्च 2021। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में बहुप्रतीक्षित नई वाहन कबाड़ नीति (व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी) का एलान किया। मंत्री ने कहा, “हमने सभी वाहन निर्माताओं को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट होने पर नया वाहन बेचते समय 5 फीसदी की छूट देने की सलाह जारी कर दी है।” 

नई वाहन कबाड़ नीति की बड़ी बातें

  • स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत वाहन का पंजीकरण खत्म होते ही वाहन को अनिवार्य फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा।
  • इस नीति के अनुसार व्यक्तिगत या निजी वाहनों का 20 साल में और वाणिज्यिक वाहनों का 15 साल में फिटनेस टेस्ट होगा। 
  • यदि कोई वाहन फिटनेस टेस्ट पास करने में नाकाम रहता है, तो उसे ‘वाहन के जीवन का अंत’ माना जाएगा। 
  • वाहन मालिकों को फिटनेस परीक्षण करने और पंजीकरण को नवीनीकृत करने के बजाय ‘वाहनों के जीवन के अंत में’ वाहनों को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 
  • पुराने वाहनों को चलाने से लोगों को हतोत्साहित करने के लिए पुराने वाहनों के पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) के नवीनीकरण शुल्क (रिन्युअल फीस) को बढ़ाया जाएगा। 
  • स्क्रैपिंग को आसान बनाने के लिए पूरे देश में स्वचालित फिटनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 

वाहन मालिकों को मिलेंगे ये फायदे

वाहन मालिकों को अपने पुरान वाहन कबाड़ में बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गडकरी ने ये तरीके सुझाए:

  • यदि वाहन मालिक पुराने वाहन को स्क्रैप करने का विकल्प चुनते हैं तो 4 से 6 फीसदी तक वाहन का एक स्क्रैप मूल्य वाहन मालिक को दिया जाएगा।
  • रोड टैक्स में 25 फीसदी तक की छूट दी जाएगी
  • स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र दिखाने पर वाहन निर्माताओं को नए वाहनों पर 5 फीसदी छूट देने की सलाह दी जाएगी

तो इस तरह से जो वाहन अपने जीवनचक्र के अंत में पहुंच चुके हैं, उन पुराने वाहनों पर 10-15 फीसदी तक के कुल फायदों का लाभ लिया जा सकता है। 2021-22 के केंद्रीय बजट में स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई थी। 

ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट सेंटर

मंत्री ने कहा, वाहन कबाड़ नीति के मुताबिक ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट की सुविधा पीपीपी मॉडल के आधार पर तैयार की जाएगी। इन टेस्ट सेंटर में ऑटोमैटिक टेस्ट होगा जो यह प्रमाणित करेगी कि कोई वाहन सड़क पर चलने के लिए फिट है या नहीं। 20 वर्ष से ज्यादा पुरानी पैसेंजर कारों और 15 वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए भी ऐसे ही फिटनेस टेस्ट किए जाएंगे। यदि कोई भी वाहन इस ऑटोमैटिक टेस्ट को पास करने में नाकाम रहता है, तो उसे सड़कों से हटाना पड़ेगा या भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।

‘सभी के लिए जीत की स्थिति’

परिवहन मंत्री ने पुराने वाहनों को हटाने को सभी के लिए जीत करार दिया है। उन्होंने कहा कि वाहन कबाड़ नीति से न सिर्फ वाहनों का प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था में सुधार में मदद मिलेगी और ऑटो इंडस्ट्री को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि नई वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों की रीसाइक्लिंग से ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए कंपोनेंट्स की लागत कम होगी। 

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