छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर (छत्तीसगढ़)। राजेश बिस्सा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुला खत में लिखा है कि अंबेडकर जयंती के दिन मैं दुर्भाग्यवश उन लोगों को रोते बिलखते सड़कों पर देख रहा हूं जिनके कल्याण के लिये बाबा साहब ने पूरा जीवन अर्पण कर दिया था। मुंबई में आज जिस तरह का जन सैलाब अपने घर की ओर जाने के लिये रेल्वे स्टेशन पर उमड़ा तथा पुलिस की लाठियों का शिकार हुआ। वह मन को बहुत व्यथित करने वाला है। कमोबेश यही स्थिती अन्य जगहों पर भी होगी। क्योंकि गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों की समस्या एक सी ही होती है।
यही कारण है की विनती पूर्व पत्र लिख आपसे अपील कर रहा हूं। इस कठिन घड़ी में देश वासी हर स्तर पर आपके साथ खड़ा है पर आप भी तो देशवासियों को यह अहसास कराईये की आप उसके लिये हर स्तर पर साथ खड़े हैं।
भूख से विचलित, भविश्य को लेकर चिंतित आम जन मानस के दर्द को सात रेस कोर्स जो आपका बंगला है उससे बाहर आकर महसूस कीजिये। उसे भविश्य के अंधकार के डर से बाहर निकालिये।
आज आप आये इवेंट मैनेजमैंट कार्यक्रम की तरह देश को संबोधित करके चले गये। लेकिन बहुत से प्रश्न अनुत्तरित रह गये। जनता कोरोना से लड़ने की प्रतिबद्धता के साथ यह जानना चाहती थी की इस दौरान उनके जीवन को आसान बनाने के लिये केंद्र सरकार का रोड मैप क्या होगा ? लेकिन आपने कुछ नहीं कहा यह मन को तोड़ने वाला था। आपका ध्यानाकर्षण कुछ बातों की ओर कर रहा हूं आशा है संज्ञान लेंगे –
करोड़ों मज़दूर आज रोज़गार-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं इस पर आपकी ठोस रणनीति क्या है?
नौकरियाँ जाने की दर अपने चरम पर है करोड़ों युवा व बेरोजगारों को बताया जाना चाहिये की ‘कोविड-19 एकनॉमिक रिकवरी टास्क फ़ोर्स’ जैसे बड़े शब्दों की जमीनी हकीकत क्या है ?
देश की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग दुकानदार, लघु और मध्यम उद्योग त्रासद जनक स्थिति में हैं। इन्हें आर्थिक मदद दिये जाने के बारे आपकी योजना क्या है ?
हर प्रदेशवासी आपकी ओर देख रहा है कि आर्थिक संकट से पार पाने हेतु आप आर्थिक पैकेज देंगे लेकिन आपकी इस दिशा में चुप्पी लोगों का दिल बैठाती जा रही है।
कोरोना की रोकथाम के लिये उसका टेस्ट बहुत बड़ा उपाय है पिछले 72 दिनों का रिकार्ड देखें तो औसत लगभग तीन हजार टेस्ट प्रतिदिन आता है। कई गुना टेस्ट बढ़ाने की आपकी कार्य योजना क्या है?
एन-95 मास्क और पीपीई किट की भारी कमी से जुझ रहे डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, सफ़ाई कर्मी व मानव दूतों को यह सुरक्षाकवच कब तक उपलब्ध होगा?
किसानों के लिये आपकी कार्य योजना क्या है?
जैसे जैसे करोना का प्रकोप बढ़ रहा है वैसे वैसे केंद्र सरकार की नियत और नीति की कमी देशवासी महसूस कर रहे हैं। उनका सब्र का बांध टूट रहा है। आशा है आप इस संबंध में देशवासियों को आश्वस्त करेंगे जिससे भविश्य में अप्रिय स्थिती उत्पन्न ना हो।