छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 17 जनवरी 2021। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जून 2021 में यूनाइटेड किंगडम द्वारा जी 7 शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। वहीं यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि वह जी 7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत का दौरा करेंगे। जी-7 शिखर सम्मेलन इस बार कॉर्नवॉल में जून में आयोजित होगा। शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्ष कोरोना वायरस महामारी, जलवायु परिवर्तन और मुक्त व्यापार जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेगा।
कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग बढ़ने पर जोर देते हुए बयान में कहा गया कि दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत पहले से ही दुनिया को 50 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन की आपूर्ति करता है। यूनाइटेड किंगडम और भारत ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान एक साथ मिलकर काम किया है। हमारे प्रधानमंत्री लगातार बातचीत करते रहते हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि जी-7 सम्मेलन से पहले वो भारत का दौरा करेंगे।
जी-7 शिखर सम्मेलन में दुनिया के सात प्रमुख देशों के नेता कोरोना वायरस संकट और जलवायु परिवर्तन से उबरने की चुनौतियों के लेकर चर्चा करेंगे। इस बार जी-7 के शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी मेहमान के तौर पर बुलाया गया है। साथ ही ये भी सुनिश्चित करेंगे कि हर जगह लोग खुले व्यापार, तकनीकी परिवर्तन और वैज्ञानिक खोज से फायदा उठा सके।
बता दें कि इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि को देखते हुए उनका भारत दौरा रद हो गया।
क्या है जी-7?
जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहते हैं। शुरुआत में ये छह देशों का समूह था, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी, लेकिन एक साल बाद ही यानी 1976 में इस ग्रुप में कनाडा शामिल हो गया। हर एक सदस्य देश बारी-बारी से इस ग्रुप की अध्यक्षता करता है और सालाना शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है।