छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रांची 15 जुलाई 2023। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नीति आयोग की एक टीम के साथ बैठक में कोयले पर रॉयल्टी बढ़ाने की मांग की। बैठक में उन्होंने भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा जारी करने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि यह विभिन्न कोयला कंपनियों के पास लंबित है। नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल के नेतृत्व में आयोग की आठ सदस्यीय टीम विभिन्न पहलुओं पर प्रगति की समीक्षा करने के लिए राज्य के दौरे पर है। टीम ने बुधवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री के साथ बैठक की।
सोरेन ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के एवज में विभिन्न कोयला कंपनियों पर करीब 80,000 करोड़ रुपये का मुआवजा बकाया है और केवल 2,532 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘कोयला कंपनियों को उस जमीन के लिए मुआवजा देना चाहिए जो उन्होंने अधिग्रहित की है, भले ही उस पर खनन कार्य शुरू न हुआ हो। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि कोयला कंपनियां इस बारे में एक रिपोर्ट सौंपेंगी कि कितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया और कितना मुआवजा दिया गया। सोरेन ने कोयले पर रॉयल्टी बढ़ाने की भी मांग की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने केंद्र से अतिरिक्त खाद्यान्न की भी मांग की।
उन्होंने कहा कि केंद्र के पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के हिस्से के रूप में लाभार्थियों के लिए एक निश्चित कोटा है। लेकिन, राज्य में उससे अधिक लाभार्थियों को सब्सिडी वाले राशन की आवश्यकता है। राज्य सरकार ग्रीन कार्ड श्रेणी के तहत अतिरिक्त 20 लाख लाभार्थियों को सब्सिडी वाला राशन दे रही है। सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार को अतिरिक्त लाभार्थियों के लिए बाजार से अनाज खरीदना पड़ रहा है क्योंकि एफसीआई उन्हें अनाज उपलब्ध नहीं करा रहा। उन्होंने कहा, “नीति आयोग को झारखंड की मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखनी चाहिए ताकि एफसीआई राज्य सरकार के राशन कार्ड धारकों के लिए भी अनाज उपलब्ध कराए। उन्होंने राज्य के लोगों के लिए पीएम आवास योजना के तहत 8.5 लाख घरों की भी मांग की।
दूसरी ओर, नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल ने कहा कि नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सेतु का काम करता है। उन्होंने कहा, “झारखंड के विकास के लिए केंद्र से जो भी सहयोग की जरूरत होगी, आयोग इस दिशा में काम करेगा। बैठक सफल रही।”