ब्रिटेन में आज से टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत
ब्रिटिश दादी मारग्रेट कीनन को दी गई कोरोना की पहली वैक्सीन
कोरोना का पूर्ण विकसित टीका लेने वाली 90 साल की मारग्रेट कीनन दुनिया की पहली महिला बनीं
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लंदन 08 दिसंबर 2020। ब्रिटेन की 90 साल की मारग्रेट कीनन दुनिया की वो पहली महिला बनीं है जिन्हें कोरोना का पहला पूर्ण विकसित टीका लगाया गया है। आज लंदन में एक अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें फाइजर/बायोएनटेक द्वारा विकसित कोरोना का पहला टीका दिया।
मारग्रेट कीनन को मध्य इंग्लैड के कॉवेंट्री अस्पताल में डॉक्टरों ने कोरोना का टीका लगाया. उन्हें स्थानीय समय के मुताबिक 6 बजकर 31 मिनट पर कोरोना का वैक्सीन दिया गया. मारग्रेट कीनन एक सप्ताह बाद ही अपना 91वां जन्मदिन मनाने वाली हैं।
बता दें कि ब्रिटेन में आज से कोरोना का टीकाकरण शुरू हो गया है. इस कोरोना वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी फाइजर और बायोएनटेक ने विकसित किया गया है। मारग्रेट कीनन पहली महिला हैं जिन्हें कोरोना का पूर्ण विकसित टीका दिया गया है। इससे पहले कोरोना वैक्सीन को विकसित करने के दौरान कई लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है।
दुनिया ने की कोरोना के खिलाफ अंतिम जंग की शुरुआत
इस वैक्सीन की शुरुआत के साथ ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने लगभग 15 लाख लोगों की जान लेने वाले कोरोना महामारी के खिलाफ अंतिम जंग की शुरुआत कर दी है।
कोरोना वैक्सीन लेने के बाद मारग्रेट कीनन ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस करती हैं कि उन्हें कोरोना का पहला वैक्सीन दिया गया है। यह मेरे जन्मदिन से पहले शानदार तोहफा है, जिसकी मैं कामना कर सकती है। अब मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा वक्त गुजार सकती हूं, और परिवार के साथ नए साल की खुशियों में शामिल हो सकती हूं।
4 लाख लोगों को दी जाएगी कोरोना वैक्सीन
बता दें दिसंबर के अंत तक ब्रिटेन में 4 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन दिया जाएगा। इसके लिए ब्रिटेन फाइजर बायोएनटेक से वैक्सीन के 8 लाख डोज खरीद रही है. कोरोना का फाइजर वैक्सीन हर व्यक्ति को दो डोज में 21 दिनों के अंतराल में दिया जाता है।
90 साल की दादी ने कहा शुक्रिया
मारग्रेट कीनन ने पहले ज्वैलरी दुकान में काम कर चुकी हैं. उन्होंने NHS स्टाफ को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्होंने मेरी खूब सेवा की है और मैं उनकी आभारी हूं। मारग्रेट कीनन ने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि अगर किसी को भी कोरोना वैक्सीन दी जाती है तो इसे स्वीकार करें, जब मैं 90 साल की उम्र में इसे ले सकती हूं तो आप भी ले सकते हैं।
बता दें कि ब्रिटेन की सरकार कोरोना वैक्सीन का पहला डोज 80 साल की उम्र के ऊपर के लोगों को दे रही है, इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर को नया कोरोना वैक्सीन दे रही है। ब्रिटेन में रहने वाले 87 वर्षीय भारतीय मूल के हरि शुक्ला उन लोगों में शुमार हैं जिन्हें ये वैक्सीन लगाई जा रही है।
कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ा कदम
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मारग्रेट कीनन के टीकाकरण को कोरोना के खिलाफ जंग में ब्रिटेन का अहम कदम बताया है। उन्होंने कहा कि अब हमने देश भर में मरीजों को कोरोना वैक्सीन देना शुरू कर दिया है। मुझे उन वैज्ञानिकों पर बहुत गर्व है जिन्होने इस वैक्सीन को विकसित किया है. इसके अलावा पीएम ने वैक्सीन के ट्रायल में शामिल लोगों, स्वास्थ्य एजेंसी एनएचएस के सदस्यों का भी शुक्रिया अदा किया।
टीकाकरण कार्यक्रम में बड़ी जटिलताएं
बता दें कि फाइजर द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन की स्टोरेज और इसे देने की प्रक्रिया जटिल है. इस वैक्सीन को शून्य से 70 डिग्री नीचे के तापमान पर स्टोर रखा जाता है।इस वैक्सीन को इस्तेमाल करने से पहले कोल्ड चेन में चार बार ही ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. अन्यथा इसकी क्षमता पर असर पड़ता है।
70 पर होने की वजह से वैक्सीन के संघटक जम जाते हैं, इसे तरल अवस्था में लाने में अच्छा खासा समय लगता है। ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसियों ने कहा कि इस वैक्सीन को देने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त ट्रेनिंग दी गई है. भारत जैसे देश में जहां स्टोरेज की सुविधा उतनी अच्छी नहीं है वहां इस वैक्सीन के इस्तेमाल में कई व्यावहारिक दिक्कतें हैं।