छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जांजगीर-चांपा 15 नवंबर 2022। छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण में कटौती से नाराज सर्व आदिवासी समाज मंगलवार को सड़क पर उतर आया। पूरे प्रदेश में आदिवासी प्रदर्शन कर रहे हैं। कवर्धा (कबीरधाम) और जांजगीर-चांपा में आदिवासियों ने रायपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे (NH-49) जाम कर दिया है। इसके चलते दोनों ओर से वाहनों की लंबी लाइन लग गई है। लोग घंटों से जाम में परेशान हैं। आदिवासियों का यह जाम शाम 4 बजे तक चलेगा। चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
जगह-जगह सड़क पर टेंट लगाकर बैठे
सर्व आदिवासी समाज आरक्षण में कटौती के बाद से ही आंदोलनरत है। इसी के तहत मंगलवार सुबह 11 बजे से प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। कवर्धा के ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे पर रायपुर-जबलपुर हाईवे जाम है। हजारों की संख्या में आदिवासी टेंट लगाकर सड़क पर बैठे हुए हैं। वहीं जांजगीर-चांपा में के अमरताल गांव के पास भी आदिवासियों ने NH-49 पर जाम लगा रखा है। हनुमान मंदिर नहर के पास विशाल जनसभा की जा रही है। इसके चलते बिलासपुर-अकलतरा-जांजगीर मार्ग भी बाधित है।
आरक्षण पर राज्य सरकार नींद में
प्रदर्शनकारियों को समाज के नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने साल 2012 में अध्यादेश लाकर 32% आरक्षण लागू किया था, जिसे घटाकर 20% किया गया है। आरक्षण को लेकर वर्तमान सरकार गहरी नींद में सोई है। आदिवासी समाज सरकार और प्रशासन को जगाने के लिए प्रदर्शन कर रहा है। हम हमारे हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। जब तक हमारा हिस्सा नहीं मिलेगा, हमारा क्रमबद्ध आंदोलन राजधानी तक जारी रहेगा।
अभी आर्थिक नाकेबंदी, आगे जोरदार प्रदर्शन
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष प्रभाती मरकाम ने कहा कि, आदिवासियों को उनकी जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण मिला हुआ था। उसे घटा दिया गया है। इसे हम संज्ञान में भी लेकर आए थे। इसके विरोध में हर जिले में नाकाबंदी कर रहे हैं। हमारी मांग है कि 32 फीसदी आरक्षण की बहाली हो। अभी तो शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी आर्थिक नाकेबंदी और चक्काजाम-प्रदर्शन किया जा रहा है। अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो आने वाले समय में जबरदस्त विरोध होगा। सर्व आदिवासी समाज की सदस्य आकांक्षा सिंह ने कहा कि आदिवासियों का संवैधानिक अधिकार नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार आरक्षण में बढ़ोतरी कर सकती है। हमारा प्रदर्शन राज्य सरकार के खिलाफ है। वह चाहे तो आरक्षण में बढ़ोतरी कर सकती है। हमारे अधिकारों का राज्य सरकार ने राजनीतिकरण कर दिया है। हमारा उपयोग सिर्फ वोटों के लिए किया जाता है। यह प्रदर्शन सरकार को जगाने के लिए है। इसी के तहत चक्काजाम किया गया है।