छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 17 मई 2022। छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक कार्यक्रमों, आयोजनों और धरना-प्रदर्शन को लेकर राज्य सरकार के नियमों के खिलाफ राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को राज्यव्यापी जेल भरो आंदोलन किया। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को यहां बताया कि पार्टी ने छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक कार्यक्रमों, आयोजनों और धरना-प्रदर्शन को लेकर राज्य सरकार के नए नियमों के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन किया और अपनी गिरफ्तारी दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने धरना-प्रदर्शन से पहले सरकार की अनुमति समेत 19 बिंदुओं को अनिवार्य किया है जिसका भाजपा विरोध कर रही है।
उन्होंने बताया कि आंदोलन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने रायपुर के केंद्रीय जेल परिसर में भूपेश सरकार की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि आंदोलन के दौरान पार्टी के 70 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने राज्य में अपनी गिरफ्तारी दी। हालांकि अधिकारियों के अनुसार रायपुर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान पांच सौ से अधिक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। वहीं अन्य जिलों में यह आंकड़ा 500 से 1300 के बीच था।
रायपुर जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजधानी में विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका गया। उन्होंने बताया कि लगभग पांच सौ भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को विभिन्न स्थानों में रोका गया और गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को केंद्रीय जेल परिसर और यहां के एक सरकारी स्कूल में भेज दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बाद में उन्हें बिना शर्त रिहा कर दिया गया।
आपातकाल की तर्ज पर राज्य में मिनी आपातकाल लागू
राज्य में भाजपा नेताओं ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने अपने गृह जिले जशपुर में आंदोलन का नेतृत्व किया और कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तारी दी। साय ने इस दौरान कहा, ‘राज्य सरकार अपने विरोध को सहन नहीं कर पा रही है। जनता और कर्मचारियों से किए गए वादे को पूरा न कर पाने के कारण हर जगह राज्य सरकार का विरोध आंदोलन का शक्ल ले रहा है। डरी, घबराई सरकार आपातकाल की तर्ज पर राज्य में मिनी आपातकाल लागू किए हुए है जिसका पूरी ताकत से भाजपा विरोध करती है।’
काला कानून लाकर लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही सरकार
वहीं राजनांदगांव जिला मुख्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने प्रदर्शन के दौरान कहा, ‘‘सत्ता पाने के लिए कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादे तो किए थे लेकिन जब उन वादों को पूरा करने का समय आया तब वह उसे पूरा नही कर रही है। इसके कारण राज्यभर के विभिन्न कर्मचारी संगठन, किसान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मनरेगा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, विद्युतकर्ती अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन आंदोलनों को दबाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक काला कानून लाकर लोकतंत्र की आवाज को दबाने का कार्य कर रही है।’’
क्या है मामला?
राज्य के गृह विभाग ने पिछले माह सार्वजनिक कार्यक्रमों और आयोजनों के लिए जिला प्रशासन की अनुमति लेने के संबंध में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किया था। निर्देश के अनुसार धरना, रैलियां, जुलूस या जनसभा आयोजित करने के इच्छुक आयोजकों को एक निर्धारित प्रारूप में अनुमति के लिए आवेदन करना होगा जिसमें आयोजन की प्रकृति, उसके स्थान, शामिल होने वाले लोगों की संख्या, ध्वनि विस्तारक यंत्र, उपस्थित लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों और उनके स्थान आदि की जानकारी देनी होगी। निर्देश के अनुसार पूरे आयोजन की वीडियोग्राफी की जाएगी और रिकॉर्डिंग की एक प्रति, जुलूस-सभा के बाद दो दिनों की अवधि के भीतर संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।
कांग्रेस ने भाजपा पर जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया
इधर राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस ने भाजपा पर जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ‘भाजपा जिन नियमों पर सवाल खड़ा करके, आंदोलन करके जनता में भ्रम फैला रही है, उन नियमों को खुद रमन सरकार के द्वारा पालन करवाया जाता था। विपक्षी दल के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है।