छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 16 मार्च 2022। भारत ने हथियारों की खरीदारी के लिए रूस पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी की है। 2012-17 के दौरान जहां भारत अपने हथियारों के कुल आयात में से 69 फीसदी रूस से करता था, वहीं 2017 से 2021 के दौरान यह घटकर 46 फीसदी रह गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दावा किया कि 2017-21 के दौरान भारत ने हथियारों के कुल आयात में 21 फीसदी की कटौती की, हालांकि इसके बाद भी वैश्विक स्तर पर हथियारों के आयात में अकेले भारत की हिस्सेदारी 11 फीसदी रही। 2012-2021 के दौरान लगातार रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है। हालांकि, इस दौरान भारत का रूस से होने वाला हथियारों का आयात 47 फीसदी कम हुआ है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर
एसआईपीआरआई के मुताबिक भारत के यह प्रयास खुद को रक्षा तकनीक और हथियारों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की तरफ बढ़ाए गए कदमों की पुष्टि करते हैं, इसके अलावा भारत खुद को हथियारों की आपूर्ति के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं बनाए रखना चाहता है। यही वजह है कि 2017-21 के दौरान भारत के फ्रांस से हथियारों के आयात में दस फीसदी की वृद्धि हुई है।
चीन में बढ़ी 60 फीसदी खरीद
2012-21 के दौरान मिस्र के रूस से रक्षा आयात में 732 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इस दौरान चीन के रूस से रक्षा आयात में 60 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस दौरान मिस्र और चीन दोनों देशों ने रूस से एयर डिफेंस सिस्टम और युद्धक विमान हासिल किए हैं। रिपोर्ट के मुताबित बीते एक दशक में भारत-रूस के बीच हुए ज्यादातर रक्षा समझौतों में हथियारों की आपूर्ति की जा चुकी है। हालांकि, आठ एयर डिफेंस सिस्टम, चार फ्रिगेट और एक परमाणु पनडुब्बी रूस की तरफ से भारत को सौंपी जानी है।
सीमा पर तनाव से हथियार उत्पादन बढ़ाने की योजना
चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर लगातार तनाव की वजह से भारत अपने हथियार उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही अलग-अलग स्रोतों से आयात की लंबी योजनाएं बना रहा है। हालांकि, भारत के हथियारों के कुल आयात में कमी असल में धीमी और जटिल खरीद प्रक्रिया व आपूर्तिकर्ताओं में बदलाव की वजह से है।
163 देश करते हैं हथियारों का आयात
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 163 देश हथियारों का आयात करते हैं। इनमें भारत, सऊदी अरब, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन वैश्विक हथियार आयात में 38 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं।