छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 16 जनवरी 2021। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह 11.05 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत की। ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:’ श्लोक से ही कार्यक्रम की शुरुआत हुई। 35 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि वैक्सीन बहुत ही कम समय में आ गई है। पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। दुनिया के 100 देशों की तो इतनी आबादी भी नहीं है। संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री भावुक भी हो गए। कहा कि हमें बचाने के लिए कई लोगों ने प्राण संकट में डाल दिए।
सभी 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) की 3006 साइट्स पर एकसाथ यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पहले फेज में हेल्थवर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण हो रहा है। पहले दिन हर साइट पर कम से कम 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। लिहाजा देशभर में आज 3 लाख 15 हजार 37 लोगों को टीका लगेगा। वैक्सीन के जो बॉक्स भेजे जा रहे हैं, उनके ऊपर भी ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:’ लिखा है।
मोदी के भाषण की 8 मुख्य बातें –
वैक्सीन बनाने वालों को बधाई
कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े जवान सभी की जुबान पर यही सवाल था कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। तो अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है। वैक्सीन बनाने से जुड़े वैज्ञानिक धन्यवाद के हकदार हैं। न उन्होंने त्योहार देखा, न दिन देखा है, न रात देखी। इतने कम दिनों में एक नहीं, दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। ऐसी ही उपलब्धियों के लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह जी दिनकर ने कहा था- मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।
जिन्हें रिस्क ज्यादा, उन्हें टीका पहले
भारत का टीकाकरण अभियान बहुत मानवीकरण पर आधारित है। जिसे कोरोना संक्रमण का रिस्क सबसे ज्यादा है, उन्हें टीका पहले लगेगा। जो अस्पताल में स्टाफ है वे कोरोना की वैक्सीन के पहले हकदार हैं। इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा जिन पर देश की सुरक्षा या कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। सुरक्षाबल, पुलिस, फायर ब्रिगेड और सफाईकर्मियों को वैक्सीन लगेगी। इनकी संख्या करीब 3 करोड़ है। इनके वैक्सीनेशन का खर्च भारत सरकार उठाएगी।
दूसरी डोज बहुत जरूरी
पहला टीका लगने के बाद दूसरी डोज कब लगेगी, इसकी जानकारी भी आपके फोन पर दी जाएगी। वैक्सीन की दो डोज लगाना बहुत जरूरी है। एक डोज लग गई और दूसरा भूल गए, ऐसी गलती मत करना। पहली और दूसरी डोज के बीच करीब एक महीने का अंतराल रखा जाएगा। दूसरी डोज लगने के बाद ही आपके शरीर में कोरोना के खिलाफ शक्ति विकसित हो पाएगी। वैक्सीन लगते ही असावधानी नहीं बरतें। जिस धैर्य के साथ कोरोना का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य वैक्सीनेशन के समय दिखाना है।
ऐतिहासिक टीकाकरण
इतिहास में इतना बड़ा टीकाकरण अभियान अभी तक नहीं चलाया गया है। भारत पहले ही चरण में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कर रहा है, जबकि दुनिया के 100 से ज्यादा देशों की जनसंख्या ही इससे कम है। हम दूसरे चरण में टीकाकरण का लक्ष्य 30 करोड़ तक ले जाएंगे। दुनिया में इतनी आबादी वाले तीन ही देश चीन भारत और अमेरिका ही हैं। इसलिए यह ऐतिहासिक टीकाकरण है।
प्रोपेगैंडा से दूर रहें
आपको किसी प्रकार के प्रोपेगैंडा या दुष्प्रचार से बचकर रहना है। हमारे वैज्ञानिकों की दुनिया में बहुत विश्वसनीयता है। हमने यह विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है। आपको बहुत गर्व होगा कि दुनिया में जितने बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगते हैं उनमें से 60% भारत में ही बनते हैं।
पहला केस आने के पहले ही चेत गए थे
30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला। लेकिन इससे दो हफ्ते पहले ही भारत हाईलेवल कमेटी बना चुका था। 17 जनवरी 2020 को हमने पहली एडवाइजरी जारी कर दी थी। भारत उन पहले देशों में था, जिसने अपने एयरपोर्ट पर अपने यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत में जिस सामूहिक शक्ति का प्रमाण बताया है, उसे आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी।
लोगों की जिंदगी को प्राथमिकता दी
हमने ताली-थाली और दिया जलाकर देश के आत्मविश्वास को बनाए रखा। कोरोना को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका यही था कि जो जहां था वहीं रहे। लेकिन देश की इतनी बड़ी आबादी को बंद रखना आसान नहीं था। इसका अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, यह भी हमारी चिंता थी, लेकिन हमने व्यक्ति की जिंदगी को प्राथमिकता दी।
भारत ने सावधानी बरती, मददगार भी बने
‘दो गज दूरी, मास्क है जरूरी’ का पालन करने वालों में भी भारत अग्रणी रहा। यही वजह है कि भारत में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर बेहद कम है। भारत उन गिने चुने देशों में है, जिसने मुश्किल के बाद भी 150 से देशों में जरूरी दवाएं और जरूरी मेडिकल सहायता (पैरासिटामॉल, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन) पहुंचाई। हम अपने ही नहीं, कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी चीन से निकालकर लाए। वंदेभारत मिशन के तहत 35 लाख भारतीयों को दूसरे देश से भारत लाया गया।
आज के अपडेट्स…
मुंबई के कूपर हॉस्पिटल में वैक्सीन पहुंची तो हेल्थ वर्कर्स ने ताली बजाकर स्वागत किया।
छत्तीसगढ़: रायपुर में अंबेडकर अस्पताल की सफाई कर्मचारी तुलसा तांडी को पहला वैक्सीन लगाया गया। वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद CM भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा- सब्बो जन सुखी होवय, सब्बो जन रोगमुक्त राहय, सब्बो जन मंगल के साक्षी बनए, अऊ कोनो ला दुख के भागी जन बनना परए। टीकाकरण के सुरुआत इही मंगल कामना संग।
मध्य प्रदेश: पहला टीका भोपाल के हमीदिया अस्पताल के वार्ड बॉय संजय यादव को लगा। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी मौजूद रहे। प्रदेश के सभी सेंटरों पर सबसे पहले सफाईकर्मियों को पहला टीका लगाया गया। इसके बाद डॉक्टर्स को टीका लगा। ग्वालियर में तो टीकाकरण के बाद डॉक्टर थिरकते नजर आए।
उत्तर प्रदेश: पहला टीका कानपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लगा। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महिला अस्पताल के चौकीदार को दूसरा टीका लगा। सीएम योगी ने भी बलरामपुर अस्पताल जाकर वैक्सीनेशन का जायजा लिया।
राजस्थान: अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वीबी सिंह को पहला टीका लगाया गया। प्रदेश के सभी 33 जिलों में पहला टीका डॉक्टर्स को ही लगाया गया। अलवर में एक हेल्थवर्कर ने खाली पेट टीका लगवाया, इसके कुछ देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ी। फिलहाल ठीक है।
महाराष्ट्र: पहला टीका ठाणे में कल्याण-डोम्बिवली महानगर पालिक की हेल्थ इंचार्ज डॉ अश्विनी पाटिल को रुक्मिणीबाई हॉस्पिटल में लगा। मुंबई के बीकेसी में टीकाकरण प्रक्रिया की शुरुआत करने पहुंचे सीएम उद्धव ठाकरे ने टीका लगवा रही एक नर्स का ताली बजाकर स्वागत किया।
बिहार: पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के सफाईकर्मी राम बाबू को पहला टीका लगा। सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर विकास चंद्रा ने राम बाबू को पहली डोज दी।
हरियाणा: CM मनोहर लाल ने VC के जरिए वैक्सीनेशन टीम की हौसलाअफजाई की। हालांकि, कैथल में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। यहां प्रदर्शन के चलते वैक्सीनेशन सेंटर को बदलना पड़ा। सेहत विभाग की टीम सामान उठाकर जाती दिखाई दी। अम्बाला में चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. कुलदीप को पहला टीका लगा।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा वर्कर्स को टीके लगेंगे
राज्य | कितने केंद्र | टीके |
महाराष्ट्र | 210 | 24,479 |
राजस्थान | 161 | 23,591 |
तमिलनाडु | 230 | 22,071 |
प. बंगाल | 224 | 21,950 |
गुजरात | 160 | 20,950 |
उत्तर प्रदेश | 170 | 18,155 |
बिहार | 167 | 18,021 |
आंध्र प्रदेश | 178 | 17,850 |
कर्नाटक | 152 | 15,809 |
मध्य प्रदेश | 150 | 15,000 |