छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 18 सितम्बर 2023। आज महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं। महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य की कामना के लिए रखती हैं। वहीं, कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के इस व्रत को रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत के दिन मां पार्वती और शिव जी की पूजा जाती है। हरतालिका तीज व्रत बेहद कठिन होता है, क्योंकि यह व्रत पूरे 24 घंटे का निर्जला व्रत होता है। पूरे दिन व्रत रखने के बाद अगले दिन चतुर्थी तिथि पर इसका पारण किया जाता है। जिस तरह हरतालिका तीज का व्रत विधि-विधान से रखा जाता है, उसी प्रकार इसका पारण भी नियमों के अनुसार ही करना चाहिए।
मुंगेली-छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सबसे महत्वपूर्ण त्योहार तीजा आज मनाया जा रहा है। आज महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति के लिए दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए भगवान भोलेनाथ की पूजा करती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव को पति रूप मे प्राप्त करने के लिए पार्वती जी ने भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तृतीया को निर्जला व्रत रखकर शिव जी की पूजा और आराधना की थी। शिव जी ने प्रसन्न होकर पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। तभी से आज के दिन छत्तीसगढ़ अंचल में तीजा पर्व को सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
महिलाएं एवं नवविवाहिता अपने मायके (पिता के घर) जाकर इस त्यौहार को मनाती हैं। तीजा के पहले दिन भोजन करते हैं। सुबह तीजा के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव पार्वती की विधिवत आराधना व पूजा निर्जला व्रत रखते हुए करती हैं। शाम को शिव पार्वती के पार्थिव प्रतिमा बनाकर फूलों से सजाया जाता है और पुनः पूजा एवं आराधना किया जाता है। दूसरे दिन चतुर्थी को सुबह मायके में पिता या भाई द्वारा लिए नई साड़ियों को पहनकर फिर से भगवान शिव व पार्वती की पूजा कर कामना करते हैं कि उनका दाम्पत्य जीवन सुखमय हो। इसके बाद फलाहार करते हैं।