गत विजेता निकहत जरीन ने विश्व महिला मुक्केबाजी में एक और पदक पक्का कर लिया है। उन्होंने 50 किलोग्राम भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में कड़े मुकाबले में थाईलैंड की रक्सत को 5-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। वहीं, दो बार की विश्व यूथ चैंपियन हरियाणा की नीतू (48) और स्वीटी बूरा (81 भार वर्ग) ने क्वार्टर फाइनल आसानी से जीतकर पदक पक्के किए। स्वीटी ने नौ साल पहले विश्व चैंपियनशिप में रजत जीता था। यह उनका दूसरा पदक होगा, लेकिन पदक की दावेदार बीते वर्ष इस्तांबुल विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता मनीषा मौन (57) और साक्षी (52), जैस्मिन (60) को अंतिम-8 में हार का सामना करना पड़ा।
पांच साल पहले निकहत ने यहीं टीम को कराई थी प्रैक्टिस
निकहत के लिए यहां पदक जीतना खास है। बाउट के दौरान उनके माता-पिता भी मौजूद थे। पांच साल पहले जब इसी स्टेडियम में विश्व चैंपियनशिप हुई थी तो निकहत टीम में नहीं थी। वह याद करती हैं कि वह भारतीय टीम को प्रैक्टिस कराने के लिए चैंपियनशिप में बुलाई गई थीं, लेकिन वह पूरी चैंपियनशिप में रहीं। तभी से उनका सपना है कि अपने देश में विश्व चैंपियनशिप में वह पदक जीतें।
पहले दो दौर 3-2 के स्कोर से जीतने के बाद तीसरे दौर में रक्सत ने निकहत को कुछ जोरदार पंच लगाए, जिससे मुकाबले की समीक्षा करनी पड़ी। दूसरे रिंग पर चल रहे मुकाबले के विजेता की घोषणा होने पर रेफरी रक्सत का हाथ उठाने जा रहे थे, लेकिन उन्हें गलती का अहसास हो गया। अंत में निकहत ही विजेता बनीं। निकहत ने आज भी कहा कि रोजाना वह भी शाम को मुकाबले होने से वह पूरी तरह अपने को फिट नहीं रख पा रही हैं।
नीतू के मुक्कों पर रेफरी ने फिर रोका मुकाबला
बीते माह स्ट्रैंड्जा कप में स्वर्ण जीतकर आ रहीं नीतू के लिए अब तक यह टूर्नामेंट शानदार रहा है। उन्होंने अपने तीनों ही मुकाबले आरएससी (रेफरी की ओर से मुकाबला रोकना) से जीते हैं। पहले दो बाउट उन्होंने पहले दौर में जीते थे। क्वार्टर फाइनल में जापान की मादोका वादा को उन्होंने दूसरे दौर में बाहर किया। पहले दौर में बाई पाने वाली सर्वोच्च वरीय स्वीटी का यह पहला मुकाबला था। उन्होंने 2018 की विश्व चैंपियनशिप में कांस्य जीतने वाली बेलारूस की विक्टोरिया केबीकावा को 5-0 से हराया।
साक्षी को चीन की वू यू ने और जैस्मिन को कोलंबिया की वाल्दोज एंजी पाओना ने 0-5 से पराजित किया। वू यू वही हैं जिन्हें मैरी कॉम ने 2018 में यहीं हुई विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में बुरी तरह परास्त किया था, लेकिन आज उन्होंने साक्षी को कोई मौका नहीं दिया। जैस्मिन भी वाल्दोज के आक्रामक खेल का शुरू से जवाब नहीं दे पाईं। हालांकी मनीषा मौन ने फ्रांस की अमीना जिदानी के खिलाफ संघर्ष किया, लेकिन उन्हें 1-4 से हार का सामना करना पड़ा।