प्रदर्शनों, दंगों में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान होने पर मिलेगा हर्जाना

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

भोपाल 22 दिसंबर 2021। मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक 2021 को बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इसे मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। इसके तहत क्लेम्स ट्रिब्यूनल बनाने, उसके अधिकारों और दायित्वों को तय करने के साथ ही वसूले जाने वाले हर्जाने की राशि नुकसान से दोगुना रखने के प्रावधान हैं। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने पिछले हफ्ते इस विधेयक को मंजूरी दी थी।  राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान विधेयक का ड्राफ्ट पेश किया था। इसके मुताबिक सांप्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा किए जाने वाले नुकसान की भरपाई का अधिकार यह विधेयक देता है। इनमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं, कंपनियों की संपत्तियों को पहुंचने वाला नुकसान शामिल है। 

नियत समय के लिए बनेंगे क्लेम्स ट्रिब्यूनल

राज्य सरकार ऐसे क्षेत्र और अवधि के लिए क्लेम्स ट्रिब्यूनल बनाएगी, जो इस विधेयक में उल्लेखित प्रावधानों के तहत हर्जाने की राशि तय करेगा। सरकारी संपत्ति के संबंध में कलेक्टर या कार्यालय प्रमुख और निजी संपत्ति के मामले में उसका मालिक या नियंत्रणकर्ता को क्लेम्स ट्रिब्यूनल के सामने 30 दिन के भीतर आवेदन देना होगा। क्लेम्स ट्रिब्यूनल अपने अधीन एक क्लेम्स कमिश्नर नियुक्त करेगा। यह नुकसानी का आकलन करने में मदद करेगा। 

उकसाने वाले से भी वसूलेंगे हर्जाना

प्रस्तावित कानून में प्रावधान है कि क्लेम्स ट्रिब्यूनल जो भी फैसला सुनाएगा, उसमें संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले के साथ ही इसके लिए प्रेरित या उकसाने वाले से भी हर्जाना वसूला जाएगा। क्लेम्स ट्रिब्यूनल मूल नुकसान के दोगुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे। अवार्ड पारित होने के 15 दिन में नुकसानी का भुगतान नहीं हुआ तो आवेदनकर्ता को हर्जाना राशि पर ब्याज और क्लेम्स ट्रिब्यूनल में हुए खर्च की वसूली के अधिकार होंगे। 

तीन महीने में तय हो जाएगा हर्जाना

विधेयक में प्रावधान है कि क्लेम्स ट्रिब्यूनल को हर्जाने या मुआवजे का निर्धारण तीन महीने के अंदर करना होगा। क्लेम्स ट्रिब्यूनल को कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर 1908 के तहत सिविल कोर्ट के अधिकार और शक्तियां प्रदान की जाएंगी। क्लेम्स ट्रिब्यूनल के आदेश को 90 दिन के भीतर सिर्फ हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकी। 

Leave a Reply

Next Post

ओमिक्रॉन की रफ्तार ने बढ़ाई हलचल, ऐक्शन में केंद्र; PM मोदी करेंगे कोरोना पर बड़ी बैठक

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर नई दिल्ली 22 दिसंबर 2021। देश में ओमिक्रॉन  वैरिएंट के तेजी से प्रसार के बीच केंद्र सरकार ऐक्शन मोडी में आ गई है। एक तरफ जहां मंगलवार को केंद्र की तरफ से सभी राज्यों को कोरोना संबंधी सख्तियां बढ़ाने को कहा गया है तो वहीं, अब […]

You May Like

झारखंड में भीषण सड़क हादसा; यात्रियों से भरी बस पलटने से सात की मौत, कई घायल....|....हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद संभल की जामा मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई, दो रास्ते किए बंद.. आरआरएफ की तैनाती....|....आम आदमी पार्टी की पहली सूची में 11 उम्मीदवारों का नाम....|....'मोदी-अदाणी एक हैं तो सेफ हैं', राहुल गांधी ने गिरफ्तारी की उठाई मांग, प्रधानमंत्री पर भी लगाए आरोप....|....झारखंड में 2019 से ज्यादा मतदान, पहले चरण की सीटों पर 2.9% तो दूसरे पर 1.51% अधिक वोटिंग....|....हसदेव जंगल की अवैध कटाई के दौरान आदिवासी युवक कमलेश सिरदार सहित तीन मजदूरों की मौत के लिए साय सरकार जिम्मेदार....|....भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेलगाम, आम आदमी असुरक्षित....|....भाजपा सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती इसलिए खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था....|....रोमांस से एक्शन तक: नरगिस फाखरी ने छोड़ी अमित छाप....|....टाइगर श्रॉफ के बागी 4 में नए लुक ने होश उड़ाए