फूल माला नारियल और अन्य प्रसाद होंगे प्रतिबंध, सुबह 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक कर सकेंगे मां के दर्शन
अनिवार्य होगा मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना
65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 वर्ष से छोटे बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को नहीं मिलेगा प्रवेश
थर्मल स्क्रीनिंग होगी , मंदिर के प्रवेश द्वार पर ऑटोमेटिक हैंड सेनीटाइजर मशीन लगा है इसका प्रयोग कर ही श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
रतनपुर। कोरोन माहामारी के चलते शासन द्वारा लिया गया निर्णय आशंका को रोकने के लिए देश में लागू हुए लॉकडाउन के समय से अन्य देवी मंदिरों और देवालयों की तरह ही जगत प्रसिद्ध सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर के द्वार भी आम भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे। इस दौरान मंदिर में पंडितों के द्वारा नियमित रूप से विधि विधान पूर्वक शास्त्रोक्त ढंग से पूजा अर्चना और आराधना का क्रम जरूर जारी रहा। लेकिन महामाया के आम भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए मां महामाया मंदिर में प्रवेश निषेध था। अब माता के श्रद्धालुओं के लिए यह बेहद ही खुशखबरी की बात है कि महामाया मंदिर के पट आज से आम भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गया है आज से रोजाना महामाया मंदिर में देवी के दर्शन के सभी दर्शनार्थी सुबह 7 बजे सेे रात को 8 बजे तक कर सकते देवी के दर्शन शासन के गाइडलाइन को फॉलो करते हुए महामाया मंदिर ट्रस्ट ने भी दर्शनार्थियों के लिए कुछ नियम बनाए हैं। सभी को मास्क के साथ ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा तो वही प्रवेश से पहले हैंड सैनिटाइज करना अनिवार्य होगा । दर्शनार्थियों को अपने साथ प्रसाद, फूल और चढ़ावे के लिए कुछ भी लाने की अनुमति नहीं होगी। वही मंदिर में प्रसाद का वितरण भी नहीं होगा। मंदिर की प्रतिमाओं को स्पर्श करने की अनुमति भी नहीं होगी। मंदिर में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को प्रवेश नहीं दिया मंदिर परिसर मे घंटी बजाना किसी भी सामान को हाथ नही लगान पूजा के लिया फूल माला नारियल लाना वर्जित है। वहीं एक नियमित अंतराल से मंदिर को सैनिटाइज भी कराया जाएगा। मंदिर में प्रवेश से पहले सभी श्रद्धालुओं का थर्मल टेंपरेचर टेस्ट भी किया जाएगा। सभी श्रद्धालुओं को मास्क लगाकर मंदिर परिसर में प्रवेश करना सोशल डिस्टेंसिंग पालन सभी करना होगा मां महामाया मंदिर ट्रस्ट समिति ने इस बाबत केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक दर्शनों की सारी तैयारियां पूरी कर ली है। इस बाबत जानकारी देते हुए मंदिर ट्रस्ट समिति के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री सुनील संथालिया ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा अपनी गाइडलाइन में जो भी नियम बताए गए हैं।
महामाया मंदिर में उसके अनुरूप ही प्रवेश और मां के दर्शन की व्यवस्था की गई है।श्री संथालिया ने बताया कि आज से प्रतिदिन सुबह 7 बजे से रात को 8 बजे तक सभी श्रद्धालु महामाया मंदिर में प्रवेश और मां के दर्शन प्राप्त कर सकेंगे। लेकिन केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार 65 वर्ष से ऊपर की आयु के बुजुर्गों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
जूते चप्पलों और बेल्ट तथा चमड़े के सामान की मनाही और थर्मल स्क्रीनिंग का इंतजाम ट्रस्ट द्वारा किया गया है।
मंदिर परिसर में कई सालों से स्थित जूते चप्पल स्टैंड की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। श्रद्धालुओं को अपने जूते चप्पल और चमड़े के बेल्ट वा बैग आदि अपने वाहनों में या फिर मंदिर परिसर के बाहर ही रखकर आना होगा
भागवत मंच से मिलेगा प्रवेश द्वारा
मंदिर में प्रवेशार्थियों के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए पांच पांच फीट की दूरी पर निशान लगा दिया श्रद्धालुओं को मास्क समेत सभी नियमों का पालन करना होगा।
कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण की आशंका को देखते हुए मंदिर परिसर में तमाम व्यवस्थाएं मंदिर ट्रस्ट समिति के द्वारा कर दी गई हैं।इसी के अनुरूप श्रद्धालुओं को केवल और केवल दर्शन मात्र की ही सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
नए साज सज्जा के साथ दिखेगी मां महामाया देवी नए रूप में
थर्मल स्क्रीनिंग होगी जिसका टेंपरेचर ज्यादा होगा वह मंदिर में दर्शन नहीं कर पाएगा मंदिर के प्रवेश द्वार पर ऑटोमेटिक हैंड सेनीटाइजर मशीन लगा है इसका प्रयोग कर ही श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। वही लॉक डाउन के दौरान महामाया ट्रस्ट के द्वारा द्वारा कई निर्माण कार्य सम्पन्न कराए गए है। जो 30 वर्षों से महामाया मंदिर गर्भ गृह प्रवेश द्वार के पास देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित थी। उन्हें मंदिर परिसर में ही स्थापित किया गया है। जिससे व्यवस्था के साथ ही माता के दरबार की भव्यता और बढ़ गई है,चारों तरफ मार्बल लगाने के साथ ही प्रवेश और दर्शन स्थल को सुगम बनाया गया है।